What Does Shiv chaisa Mean?

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

Devotees who chant these verses with powerful adore develop into prosperous by the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to possess young children, have their dreams fulfilled immediately after partaking of Shiva-prasad with religion and devotion.

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।

Whosoever features incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys materials happiness and spiritual bliss With this environment and hereafter ascends to the Shiv chaisa abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them Everlasting bliss.

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

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